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Wednesday, 22 November 2017

3 बौने-मेनका अग्रवाल

यह कहानी अन्यंत गरीब परिवार में पैदा हुयी दो बहनों और जंगल में रहने वाले तीन बौनों की है। मालती और सुनैना ने अत्यंत गरीब परिवार में जन्म लिया और दुनिया में बहुत दुःख सहे। कहते हैं जीवन एक प्रवाह है और इसी प्रवाह में बहते हुये एक बार मालती और सुनैना बिछड़ जाते हैं। मालती दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है और सुनैना को बौने उठा ले जाते हैं। पूरी कहानी पढ़िये ....

3 बौने-मेनका अग्रवाल

Tuesday, 14 November 2017

आग का दरिया-कुर्तुल एन हैदर

1959 में जब आग का दरिया प्रकाशित हुआ तो भारत और पाकिस्तान के अदबी हल्कों में तहलका मच गया । भारत विभाजन पर तुरन्त प्रतिक्रिया के रूप में हिंसा, रक्तपात और बर्बरता की कहानियाँ तो बहुत छपीं लेकिन अनगिनत लोगों की निजी एवं एक सांस्कृतिक-ऐतिहासिक त्रासदी के रूप में कुर्रतुलऐन हैदर ने ही प्रस्तुत किया है। उन्होंने आहत मानसिकता और घायल मनोवैज्ञानिक अलगाव के मर्म को पेश किया और इस प्रकार एक महान त्रासदी तो एक महान उपन्यास की शक्ल देकर हमारा ध्यान आकर्षित किया। इस उपन्यास का प्रारम्भ आज से ढाई हज़ार वर्ष पूर्व भारतीय सभ्यता के उस परिपेक्ष्य में होता है जो शरावती और पाटलिपुत्र में विकसित हुई। मुसलमानों के आगमन से इस सभ्यता में नये तत्व शामिल होना शुरु हुए। समय की धारा में बहते-बहते गौतम, नीलाम्बर, हरिशंकर, चम्पा, अहमद, कमाल, तलअत आदि आज के भारत में पहुंच जाते हैं।

आग का दरिया-कुर्तुल एन हैदर
आग का दरिया-कुर्तुल एन हैदर

DBMS- Databas Managememnt System-कुलदीप चंद