
सोमनाथ की ऐतिहासिक लूट और पुनर्निर्माण की कहानी को आचार्य चतुरसेन ने इस उपन्यास में बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। सोमनाथ का मंदिर सैकड़ों देवदासियों के नृत्यों से, उनके घुँघरूओं की ध्वनि से सदा गुंजित रहता था। देश-देशान्तर के राजा और रंग इसके वैभव के समक्ष नतमस्तक होते थे। फिर भी एक विदेशी द्वारा इसे ध्वस्त करने का दुस्साहस किया गया। इतिहास की इस विडंबना को आचार्य चतुरसेन ने औपन्यासिक शैली में बाँधा है। प्रभासपट्टन स्थित सोमनाथ मंदिर भारतीयों की धर्म-परायणता का जीवंत प्रमाण है। विदेशी आक्रमण कारियों ने इसके वैभव से प्रभावित होकर अनेक बार इस मंदिर को लूटा और ध्वस्त किया। महमूद गजनबी सोलह बार यहाँ की धन-सम्पत्ति को ऊंटों में लादकर ले गया, परन्तु फिर भी इसका अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ। गहन अध्ययन और उस क्षेत्र के विस्तृत सर्वेक्षण के आधार पर लिखा गया यह उपन्यास, इतिहास का जीवंत दस्तावेज है----
DOWNLOAD-सोमनाथ महालय-चतुरसेन शाश्त्री
Downloaded...thank u Raviji for this book..apse gujarish hai ki sona aur khoon ka agla bhaag bhi upload karein...
ReplyDeletejarur rani ji.........
DeleteVery good effort. I appreciate your hardwork. But the scanned version of Somnath novel is not 100% good. In many pages the Hindi Devanagari font prints are blurred out and makes it almost impossible to read.
ReplyDeleteThank u Subhojit ji.............for appreciating my work..........please .........can u inform the page no which r not visible..........after that i will try to make it solve......
DeleteAnd can you please upload Acharya Chatursen Shastri's novel Purnahuti pdf ?
ReplyDeleteAGAIN THANK YOU..........I WILL TRY TO UPLOAD THE BOOK
DeletePLEASE FOLLOW THE BLOG AND KEEP VISIT IT.................
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