बुंदेलखंड में कई प्रतापी शासक हुए हैं। बुंदेला राज्य की आधारिशला रखने वाले चंपतराय के पुत्र छत्रसाल महान शूरवीर और प्रतापी राजा थे। छत्रसाल का जीवन मुगलों की सत्ता के खिलाफ संघर्ष और बुंदेलखंड की स्वतंत्रता स्थापित करने के लिए जूझते हुए निकला। महाराजा छत्रसाल अपने जीवन के अंतिम समय तक आक्रमणों से जूझते रहे। बुंदेलखंड केशरी के नाम से विख्यात महाराजा छत्रसाल के बारे में ये पंक्तियां बहुत प्रभावशाली है:
- इत यमुना, उत नर्मदा, इत चंबल, उत टोंस।
- छत्रसाल सों लरन की, रही न काहू हौंस॥
- यह एक ऐतिहासिक उपन्यास है जो बुंदेलखंड के परतपी शशक के जीवन पर आधारित है ।
छत्रसाल-बालचंदनानचंद शाह
छत्रसाल-बालचंदनानचंद शाह
Downloaded....Thanks a lot Ravi ji for this novel...
ReplyDeleteWelcome rani ji
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