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Monday, 29 August 2016

26. आचार्य उपगुप्त-चतुरसेन

चतुरसेन जी का एक और ऐतिहासिक उपन्यास 
उपगुप्त प्राचीन समय में मथुरा नगरी का एक विख्यात बौद्ध धर्माचार्य था। सम्राट अशोक को बौद्ध धर्म का प्रचार करने और स्तूप आदि को निर्मित कराने की प्रेरणा धर्माचार्य उपगुप्त ने ही दी। जब उपगुप्त युवा थे, तब इन पर एक गणिका वासवदत्ता मुग्ध हो गई थी। उपगुप्त ने उस गणिका को सन्मार्ग की ओर प्रेरित किया।
  • जब भगवान बुद्ध दूसरी बार मथुरा आये थे, तब उन्होंने भविष्यवाणी की और अपने प्रिय शिष्य आनंद से कहा कि- "कालांतर में यहाँ उपगुप्त नाम का एक प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान होगा, जो उन्हीं की तरह बौद्ध धर्म का प्रचार करेगा और उसके उपदेश से अनेक भिक्षु योग्यता और पद प्राप्त करेंगे।"
  • भविष्यवाणी के अनुसार उपगुप्त ने मथुरा के एक वणिक के घर जन्म लिया। उसका पिता सुगंधित द्रव्यों का व्यापार करता था।
  • उपगुप्त अत्यंत रूपवान और प्रतिभाशाली था। वह किशोरावस्था में ही विरक्त होकर बौद्ध धर्म का अनुयायी हो गया।
  • आनंद के शिष्य शाणकवासी ने उपगुप्त को मथुरा के नट-भट विहार में बौद्ध धर्म के सर्वास्तिवादी संप्रदाय की दीक्षा दी थी।
  • 'बोधिसत्वावदानकल्पलता' में उल्लेख है कि उपगुप्त ने 18 लाख व्यक्तियों को बौद्ध धर्म में दीक्षित किया था।
  • बौद्ध परंपरा के अनुसार उपगुप्त सम्राट अशोक के धार्मिक गुरु थे और इन्होंने ही अशोक को बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी।
  • 'दिव्यावदान' के अनुसार चंपारन, लुंबिनीवन, कपिलवस्तुसारनाथकुशीनगरश्रावस्तीजेतवन आदि बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा के समय उपगुप्त अशोक के साथ थे।
  • उल्लेख मिलता है कि पाटलिपुत्र में आयोजित तृतीय बौद्ध संगीति में उपगुप्त भी विद्यमान थे। इन्होंने ही उक्त संगीति का संचालन किया और कथावस्तु की रचना अथवा संपादन किया। संभवत: इसीलिए कुछ विद्वानों में मोग्गलिपुत्त तिस्स तथा उपगुप्त को एक ही मान लिया गया है, क्योंकि अनेक बौद्ध ग्रंथों में तृतीय संगीति के संचालन एवं कथावस्तु के रचनाकार के रूप में तिस्स का ही नाम मिलता है।

4 comments:

  1. Raviji thanks for this novel....par isme se kai pages gayab h..blank h...kripaya use add karke reupload kare...kahani ki dhara tab samajh me aati h jab wo puri ho

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    1. Thanks for your quick replay......Mai kosis karuga ..... aap gayb pege ka pege number bta de...

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  2. Pages no are..38,66,87,98...Pls add these pages..thanks again

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